यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) भारत की एक स्वतंत्र संस्था है जो पूरे भारत की केंद्रीय और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों में लोगों की खोज के लिए हर साल परीक्षा आयोजित करती है। यूपीएससी खासकर सिविल सेवा परीक्षा के लिए जाने जाते है।
यूपीएससी विभिन्न पदों के लिए परीक्षा आयोजित करती है। वै हैं– अखिल भारतीय सेवाएं(all India services): इस सेवा की अंदर खासकर प्रशासनिक सेवा(IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा(IFS) आदि इस श्रेणी में आते है।
केंद्रीय सेवा(Group A and Group B): इस श्रेणी में केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और मंत्रालयों में खाली पदों के लिए जैसे केंद्रीय उत्पाद श्लोक निरीक्षक(Central Exercise Inspector)और भारतीय लेखा परीक्षा(Central Exercise Inspector)और लेखा सेवा (Indian Audit and Accounts Service) इत्यादि आते हैं।
यूपीएससी द्वारा आयोजित किए जाने वाला मुख्य परिश्क्षाये
सिविल सेवा परीक्षा: माना जाता है कि यह भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा को पास करने वाले लोगों को आईएएस, आईपीएस, आईएफएस जैसे पदों में काम करने का मौका मिलता है। यह परीक्षा तीन भागों में आयोजित किया जाता है। Prelims, Mains और फिर Interview। जो लोग इन परीक्षाओं में सफल हो जाते हैं उन लोगों को चयनीत सेवा के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाता है। और इस प्रशिक्षण की स्थान सेवा के अनुसार अलग-अलग होता है।
यूपीएससी 2025 सिलेबस
यूपीएससी के पाठ्यक्रम को उम्मीदवारों के ज्ञान योग्यता और बिशलेषनात्मक सहमतों को अवलंबन करके डिजाइन किया गया है ताकि उन लोगों को आसानी से समझ में आए, और इस परीक्षा को तीन भागों में विभाजित किया गया है। उन तीनों भागों में शामिल है प्रारंभिक परीक्षा फिर मुख्य परीक्षा और इन दोनों परीक्षा के बाद होता है इंटरव्यू।
यूपीएससी प्रीलिम्स सिलेबस
यूपीएससी परीक्षा का पहला चरण एक स्क्रीनिंग परीक्षा है और मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को इसी परीक्षा से शॉर्टलिस्ट किया जाता है। इसके बाद अंतिम मेरीत तैयार करते समय प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंकों को ध्यान में नहीं रखा जाता है।
प्रारंभिक परीक्षा दो पेपर में आयोजित किया जाता है और जिनमें अधिकतम 400 अंक होते हैं।
कागजात की संख्या | दो अनिवार्य पेपर |
प्रश्नों के प्रकार | वस्तुनिष्ठ(MCQ) प्रकार |
कल अधिकतम अंक | एक पेपर में 200 यानी दो पेपर में 400 |
परीक्षा की अवधि | 2 घंटे |
नकारात्मक अंकन | एक प्रश्न के लिए निर्धारित अंकों का 1/3 भाग |
परीक्षा का माध्यम | हिंदी या अंग्रेजी |
सामान्य अध्ययन पेपर 1 पाठ्यक्रम
इसमें मोटे तौर पर निम्नलिखित विषयों के उपर 100% होते हैं जिन्हें 2 घंटे में हल करना पड़ता है।
1. राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएं।
2. भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।
3. भारतीय और विश्व भूगोल-भारत और विश्व का भौतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल।
4. भारतीय राजनीति और शासन- संविधान ,राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकार मुद्दे इत्यादि।
5. आर्थिक और सामाजिक विकास
6. पर्यावरण पारिस्थितिक, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य मुद्दे जिनके लिए विषय विशेष किया था की आवश्यकता नहीं है।
7. सामान्य विज्ञान।
सामान्य अध्ययन पेपर 2 पाठ्यक्रम
- सामझ
- संचार कौशल साहित्य पारस्परिक कौशल
- तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता
- निर्णय लेना एवं समस्या समाधान करना
- सामान्य मानसिक क्षमता
- बुनियादी संख्यात्मकता
यूपीएससी मैंस सिलेबस
यूपीएससी मैंस पेटर्न
पेपर | विषय | अवधि | कुलमाक्र |
पेपर ए | अनिवार्य भारतीय भाषा | 3 घंटे | 300 |
पेपर बी | अंग्रेजी | 3 घंटे | 300 |
पेपर 1 | निबंध | 3घंटे | 250 |
पेपर 2 | सामान्य अध्ययन 1- भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व और समाज का इतिहास और भूगोल | 3 घंटे | 250 |
पेपर 3 | सामान्य अध्ययन 2- शासन, संविधान, कल्याण पहल, सामाजिक न्याय और अंतरराष्ट्रीय संबंध। | 3घंटे | 250 |
पेपर 4 | सामान्य अध्ययन 3-प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, कृषि, जेब विविधता, सुरक्षा और अपदा प्रबंधन | 3 घंटे | 250 |
पेपर बी | सामान्य अध्ययन 4- नैतिकता, सत्य निष्ठा और योग्यता | 3 घंटे | 250 |
पेपर 6 | वैकल्पिक विषय-पेपर 1 | 3घंटे | 250 |
पेपर7 | वैकल्पिक विषय- पेपर 2 | 3 घंटे | 250 |
यूपीएससी के मेंस एग्जाम में
100 अंकों के लिए एक निबंध प्रश्न रहेगा जिसमें उम्मीदवारों को कुछ विषय दे दिया जाएगा जिनमें से उनको एक के ऊपर निबंध लिखना पड़ेगा।
कुल 60 अंकों के लिए रीडिंग कंप्रेशन और संबंधित पांच प्रश्न रहेंगे
60 अंकों के लिए सटीक लेखन- उत्तर पुस्तिका में एक अलग ग्रेड संरचना होगी जहां इसे लिखा जाना है
20 अंकों के लिए अंग्रेजी से चुनी हुई भाषा में अनुवाद
20 अंकों के लिए चुनी हुई भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद
स्कूल 40 अंकों के लिए व्याकरण और बुनियादी भाषा का उपयोग जैसे समानार्थक शब्द, वाक्य सुधार आदि।
जीएस पेपर 1
1. भारतीय संस्कृति
2. आधुनिक भारतीय इतिहास
3. विश्व का इतिहास
4. 18वी शताब्दी के बाद से समाज पर घटनाएं, रूप और प्रभाव
5. समाज
6. भूगोल
जीएस पेपर 2
- भारतीय संविधान
- संघ और राज्य के कार्य और जिम्मेदारियां, संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियां, स्थानीय स्तर तक शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसमें चुनौतियां
- विभिन्न अंगों, विवाद निवारण तंत्र और संस्थाओं के बीच शक्तियों का पृथक्करण
- कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य प्रणाली
- संसद और राज्य विधान मंडल
- सरकार के मंत्रालय और विभाग; दबाव समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ और राजनीति में उनकी भूमिका
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं
- विभिन्न संवैधानिक निकायों के विभिन्न संवैधानिक पदों, शक्तियों, कार्य और जिम्मेदारियां की नियुक्ति
- वैधानिक, नियामक और विभिन्न अर्थ न्यायिक निकाय
- विभिन्न क्षेत्र में विकास और उनके डिजाइन और कार्यक्रम से उत्पन्न होने वाले मुद्दों के उद्देश्य से सरकारी नीतियों और हस्तक्षेप
- विकास प्रक्रियाएं और विकास उद्योग- गैर सरकारी संगठनो, स्वयं सहायता समूहो, विभिन्न समूह और संघो, संस्थागत और अन्य हिट धारकों की भूमिका
- केंद्र और राज्य द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का प्रदर्शन; में कमजोर वर्गों की सुरक्षा और बेहतरीन के लिए गठित तंत्र, कानून, संस्थान और निकाय
- स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/ सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे
- गरीबी और भूख से संबंधित मुद्दे
- शासन के महत्वपूर्ण पहलू, पारदर्शिता और जवाब देही, ई गवर्नेंस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और क्षमता
- लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका
- अंतरराष्ट्रीय संबंध
जीएस पेपर 3
- अर्थव्यवस्था
– भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधन जुटाने, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे
-सरकारी बजट
-समावेशी विकास और संबंधित मुद्दे
-अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन और औद्योगिक विकास पर उनके प्रभाव
-निवेश मॉडल
-कृषि - विज्ञान और तकनीक
- हाल के घटनाक्रम और उनके अनुप्रयोग और दैनिक जीवन में प्रभाव
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां
- प्रौद्योगिकी का स्वदेशी कारण और नई तकनीक विकसित करना
- आईटी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक, नैनोटेक्नोलॉजी, जेव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सामान्य जागरूकता
- बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मुद्दे
- वातावरण
- संरक्षण संरक्षण
- पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट
- पर्यावरण प्रभाव आकलन
- आपदा प्रबंधन (कानून, अधिनियम आदि)
- सुरक्षा
- आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियां
- विकास और उग्रवाद के प्रसार के बीच संबंध
- संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियां, अंतरिक्ष सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सोशल नेटवर्किंग साइटों की भूमिका
- साइबर सुरक्षा की मूल बातें
- विभिन्न सुरक्षा वालों और एजेंसियों और उनके जनादेश
जीएस पेपर 4
1.नीतिकता और मानव इंटरफेस
-मानव बातचीत में नैतिकता का सार, निर्धारक और नैतिकता केपरिणाम
-नैतिकता के आयाम
-निजी और सार्वजनिक संबंधों में नैतिकता
-मानवीय मूल्य
-नैतिक और नैतिक मूल्यों को विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका
2.कौशल
-सिविल सेवा की योग्यता और मूलभूत मूल्य
-अखंडता
-निष्पक्षकता और गैर पक्षपात
-निष्पक्षताबाद
-जनसेवा के प्रति समर्पण
-समाज के कमजोर वर्ग के प्रति सहानुभूति सहिष्णुता और करुणा
3.भावनात्मक बुद्धि
-भावनात्मक बुद्धिमत्ता की अवधारणाएं
-प्रशासन और शासन में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की उपयोगिता और अनुप्रयोग
4. शासन में ईमानदारी
-सार्वजनिक सेवा की अवधारणा
-शासन और सत्यनिष्ठा का दार्शनिक आधार
-सरकार में सूचना सझाकारण और पारदर्शिता
-सूचना का अधिकार
-नैतिक आचार संहिता
-आचरण के नियम
-नागरिक चार्टर
-कार्य संस्कृति
-सेवा वितरण की गुणवत्ता
-सार्वजनिक धन का उपयोग
-भ्रष्टाचार की चुनौतियां
Frequently Asked Questions
1. क्या यूपीएससी प्रिपरेशन करने के लिए कोचिंग लेना जरूरी है?
सभी लोग यही मानते हैं कि यूपीएससी के तैयारी करने के लिए कोचिंग लेना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। कोचिंग लेना आपके लिए मैंडेटरी नहीं है। अगर आप लेते हैं तो यह आपके प्रिपरेशन पर काफी ज्यादा हेल्प करेगी। लेकिन ऐसा नहीं है कि आप बिना कोचिंग लिए यूपीएससी क्लियर नहीं कर सकते। अगर आप खुद से सेल्फ स्टडी करते हैं, एक डिसिप्लिन बनाकर इस डिसिप्लिन पर काम करते हैं तो आपको यूपीएससी क्लियर करने से कोई नहीं रोक सकता।
2. यूपीएससी सिलेबस को कवर करने के लिए कितना टाइम की जरूरत होता है?
कितना टाइम लगता है यह डिपेंड करता है आपके तैयारी करने के तरीके के ऊपर। बहुत लोग होते हैं जो काफी कम समय के अंदर यूपीएससी क्लियर कर लेते हैं इस दूसरी तरफ बहुत सारे लोग होते हैं जो तीन बार देने के बाद भी क्लियर नहीं कर पाते हैं। कुछ लोगों के लिए यह एक वर्ष भी काफी है और कुछ लोगों के लिए सालों साल भी कम पड़ जाता है। लेकिन देखा जाए तो यूपीएससी सिलेबस को कवर करने के लिए 1 साल काफी होता है। यह निर्भर करता है आप किस तरह से तैयारी कर रहे हैं।
3.ऑफिशियल यूपीएससी सिलेबस को कैसे डाउनलोड कर सकते हैं?
ऑफीशियली आपको यूपीएससी सिलेबस को डाउनलोड करने के लिए आपको यूपीएससी के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर वहां ढूंढना पड़ेगा। वहीं से ढूंढ कर आप डाउनलोड कर सकते हैं।
4. वह कौन से मिस्टेक है जो यूपीएससी की तैयारी करते समय ध्यान रखना जरूरी है?
ऐसे बहुत सारे मिस्टेक से जो छात्र आए तैयारी करते समय इग्नोर करते हैं। बाद में जाकर वही आपके लिए एक समस्या खड़ा कर देता है। वही कॉमन मिस्टेक्स है कुछ सत्र है सिर्फ एक ही सब्जेक्ट के ऊपर ज्यादा फोकस करते हैं, और उसी तरह बाकी सब्जेक्ट में तैयारी काम हो जाती है। बहुत सारे छात्राएं ऐसे भी है जो करंट अफेयर्स को छोड़ देते हैं। करंट अफेयर्स को छोड़ने की मूर्खता ना करें। बहुत छात्र ऐसे भी है जो बड़े-बड़े ऐसे को पर तो लेते हैं लेकिन उसे लिख लिख कर प्रेक्टिस नहीं करते तब जाकर परीक्षा में लिखने का समय कम पड़ जाता है।
5. क्या निबंध पेपर और सामान्य अध्ययन पेपर के लिए अलग-अलग रणनीतियां अपनानी चाहिए?
हां, निबंध पेपर के लिए आपको लेखन कौशल पर अत्यधिक ध्यान देना पड़ेगा जबकि सामान्य अध्ययन पेपर के लिए ज्ञान लेने से हो जाएगा। सामान्य अध्ययन पेपर में सिर्फ उत्तर को लिखने से हो जाएगा लेकिन निबंध पेपर में आपको सिर्फ उत्तर में ठीक करने से नहीं होगा निबंध पेपर में आपको विस्तार से हर एक चीज को लिखना पड़ेगा।
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Jay Goodman
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